29. 06.2011 को भारत नव निर्माण पार्टी की स्थापना देश की राजनैतिक बदलाव की उन परिस्थितियों में की गई हैं | जब युवा भारत के वर्तमान सन्दर्भ में विश्व के विकसित देशों की श्रेणी में ला खड़ा करना चाहता हैं और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को विकसित करना चाह रहा हैं ताकि लोगों के सामाजिक स्तर में बदलाव लाया जा सकें |
15 अगस्त 1947, से आज तक देश में कोई गंभीर परिवर्तन नहीं आया युवा ओर बेरोजगार होता गया | 2014 के बाद युवा इस उम्मीद में , जोश में सपनों की तरफ दौड़ा लेकिन इसके बाद तो सरकारी तो सरकारी, प्राइवेट नौकरियाँ भी छूट गई कुछ महीनों तक लोग पैसे-पैसे को तरस गये |
देश की जनता में कूट -कूट कर भरी हैं | इसका बड़ा उदाहरण पुलवामा अटैक के बाद की एकता में देखी गई और धारा 370 एवं 35A को परिवर्तित करके एक बड़ी समस्या का निदान हुआ लेकिन जनता का ध्यान पूरी तरह से देश की समस्याओं से हट गया क्या बुजुर्ग क्या महिलायें क्या बच्चे सभी ने एक जुटता दिखाई और फिर एक बार हमने सभी समस्याओं को भुला दिया |
क्रांतिकारी भावना के साथ आज भी युवा देश के साथ खड़ा रहा फिर भी भूखे पेट कैसे और कब तक ये हो पायेगा |
ने संविधान बनाते समय जब संविधान निर्माण समिति में चर्चा हुई कि मान लीजिए देश में कोई समय एक ही पार्टी पूरी तरह से शासन में आ जाती हैं और विपक्ष समाप्त हो जायें तो ऐसी परिस्थिति में
कौन निभायेगा ? इस पर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का मत था कि जब देश में विपक्ष कमजोर हो जायें या नहीं रहेगा तो जनता स्वयं ही विपक्ष की भूमिका निभायेगी | इस समय हमारा देश उसी परिस्थिति से गुजर रहा हैं |
भारत वर्ष में इस समय विश्व की सर्वाधिक युवा आबादी के रूप में मौजूद हैं | देश में 70 करोड़ के लगभग युवा हैं | इस शक्ति का प्रयोग ताकतवर राजनेता अपने -अपने हिसाब से करके युवाओं का शोषण करते रहे हैं | इस कारण देश की वर्तमान मौजूदा स्तिथि देश में बदलाव चाहने वाला युवा अब एक दिशा चाहता है तथा मेरा राष्ट्र प्रथम की भावना रखने वाले युवाओं को एक सूत्र बांधने का कार्य भारत नव निर्माण पार्टी कर रही हैं |
के लिए इस बात की आवश्यकता हैं कि युवाओं को उचित मार्गदर्शन राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक आदि क्षेत्रों में मिलें | इन्हीं प्रमुख बातों को ध्यान में रखते हुए देश के युवा को एक संतुलित दिशा प्रदान करने के लिए ही
की आवश्यकता पड़ी हैं | इस देश में आम नागरिक के अथक प्रयासों, मेहनत के बावजूद भी देश आज भी विकासशील देशों की श्रेणी में खड़ा हैं, बल्कि नीचे के पायदान पर आ गया हैं | सरकारों में जो भी पार्टियाँ आई जाति - धर्म का भेदभाव करके शासन करती रही हैं | तो आइये अब समय हैं |
इसमें हम तराशेंगे ऐसे युवाओं को जो निस्वार्थ भाव से न केवल स्वंय देश की सेवा करें बल्कि ऐसे व्यक्तियों को भी जोड़े जो इस कार्यक्रम में सहभागी बन सके और भारत नव निर्माण में योगदान दे सकें |
" मुश्किलें तो बहुत होंगी - 2
इस राह में साथी, पर जीत ही लेगा एक दिन उस मुकाम को ,
जिसके सपने लिए सो गए सारे क्रांतिवीर ,
बाकी हैं अभी मेरे देश में कुछ, भगत सिंह, अश्फाक, चंद्र शेखर और उधम सिंह जो बदल कर रख देंगे मेरे देश की तकदीर को |"
वन्देमातरम साथियों , आपका स्वागत है | संगठित रहोगे - सुरक्षित रहोगे