राष्ट्रीय अध्यक्ष
आज मैं यहाँ सिर्फ आप लोगों के योगदान और समर्थन के लिए हूँ | मैं भारत का युवा (चाहे जो उम्र हो )हूँ, वो युवा जो जागरूक हैं जो जानता हैं उसे किस दिशा में और क्यों बढ़ना हैं | मैं भारत की वो शक्ति हूँ जिससे पूरी दुनिया में क्रांति आ सकती हैं | मैं दिल से युवा हूँ और अपने सभी साथियों को खुद में ही निर्णायक बनते देखना चाहता हूँ |
मैं आपको सही / गलत नहीं बताऊंगा बल्कि सही / गलत से आप निश्चित करेंगे यहाँ सिर्फ सच से आपका सामना होगा उसके बाद आप खुद फैसला कीजिए आपको क्या चुनना हैं | आज जिस युवा की बात यहाँ हो रही हैं उसमे कुछ गिने चुने लोग ही हैं | शायद जो आगे आने को तैयार हैं जो देश की बागडोर को अपने हाथो में लेने को तैयार हैं अधिकतर युवाओं ने तो अपनी जिंदगी को दोस्तों, इंटरनेट और भविष्य के बीच समेट लिया हैं | जब उनसे पूछा जाए तो वो कहते हैं हमें क्या मतलब हैं, हम क्यूँ बीच में पड़े, ये हमारा मामला तो नहीं हैं | मैं देश का नागरिक होने के नाते जानना चाहूँगा कि क्या सच में ये हमारा मामला नहीं हैं, मैं कहूँगा नहीं, ये हमारा ही मामला हैं, आये दिन देश में इतने घोटाले होते हैं | तो क्या वो सच में हमारा मामला नहीं, वो पैसा जिसका गबन किया जाता हैं जो हम ही लोगों का हैं, इस देश को एक कुटुंब माना जाना चाहिए और इस नाते वो हमारे ही परिवार के सदस्य हैं जो आहत हुए या हो रहे हैं, पर इसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया |
क्यूँ आज का युवा शांत हैं, क्यूँ वो अपना देश छोड़कर विदेशों में बड़ी कम्पनियों में काम करना चाहते हैं क्यूँ वो अपना समर्पण अपने देश के लिए नहीं दिखा रहा | मुझे इन सब बातों का जवाब चाहिये क्या आपको नहीं लगता की देश की इस हालत के जिम्मेदार हम खुद हैं | हम ही दूसरों को वो मौका दे रहे हैं जिससे हमें तकलीफें उठानी पड़ती हैं | आप में से 90% लोग एक व्यवस्थित जीवन चाहते हैं जिसकी परिभाषा आपकी नजरो में एक अच्छे वेतन वाली नौकरी, घर, पैसा, पाश्चात्य जीवन, मित्र, इंटरनेट आदि हैं |
हमें इन सब से बाहर भी सोचना होगा | अपने जीवन के 24 घंटो में से कुछ घंटे देश के लिए भी देना होगा | आप ही तो हैं वो जो क्रांति ला सकते हैं अगर आप अपने व्यवस्थित जीवन का कुछ हिस्सा इस देश को भी देवें, अगर नहीं दिया तो आपका ये जीवन व्यवस्थित नहीं रहने वाला हैं | अभी समय हैं उठिये नव निर्माण के संकल्पना के साथ आप हम सब मिलकर बदलेंगे भारत की तस्वीर - तकदीर भी |
वन्देमातरम साथियों
आपका स्वागत है |
संगठित रहे - सुरक्षित रहे |
राष्ट्रीय महासचिव
भारत देश को आजादी के 72 वर्षो में एक उपलब्धि मिली हैं | की आज वर्तमान में हर दूसरा आदमी परेशान हैं क्यों ? सभी राजनैतिक पार्टियों के द्वारा किये गए कार्यों से आज "देश का युवा” इस चिंता में डूबा हुआ हैं की "99” लिखने के लिए कोनसा 9 पहले लिखुँ ?
हमारे यहां अनेकों तरह के दान किए जाते रहे हैं | जैसे - कन्यादान , गोदान, नेत्रदान, रक्तदान इत्यादि | लेकिन आज सोशल मीडिया पर नि : शुल्क व खतरनाक तरीके से जो दान दिया जा रहा हैं | इसे "ज्ञानदान " कहते हैं | यह नि : शुल्क व स्वार्थरूपेण भावना से दिया जाने वाला "ज्ञानदान" दिन -ब- दिन बढ़ता चला जा रहा हैं | इस ज्ञान -दान में जात- पात, छुआछूत , हिन्दू-मुस्लिम , मंदिर -मस्जिद , धर्म की लड़ाई आदि से युवाओं का ध्यान आकर्षित किया जा रहा हैं | मुझे यह जानकर बहुत आश्चर्य होता हैं कि "ज्ञानदाता " इस तरह की भावना को लाते कहाँ से हैं ?
कुल मिलाकर आज हम स्वंय स्वार्थी हो गए हैं यदि हमारे पड़ोसी के किसी भी तरह का खुशी या गम का माहौल होता हैं तो हम उसमें शरीक होना कम पसंद करने लगे हैं | इसके अतिरिक्त सार्वजनिक क्षेत्र में किसी भी तरह का फायदा या नुकसान होने पर हमें कोई फर्क नहीं पड़ता हैं | जबकि हमारा दायित्व बनता हैं की सार्वजनिक क्षेत्र की सभी समस्याओं की जिम्मेदारी व्यक्ति को "व्यक्तित्व सामाजिक दायित्व " समझ समाधान करनी होगी |
आज बात करें सरकार की तो : यदि हमारे देश का युवा ऐसी तरह भम्रित होता रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा जब सरकारें विदेशों की ओर पलायन करने लगेगी, साथ ही हमारे देश को खोखली अवस्था में छोड़ जाएगी |
अत: भारत नव निर्माण पार्टी अगर सत्ता में आती हैं तो नशाखोरी के धंधों पर लगाम, भ्रष्टाचार पर कड़े कानून, देश में अंदरूनी सुरक्षा, उज्जवल शिक्षा, रोजगार के अवसर, सफल स्वस्थ सुविधाएँ आदि विषयों पर जनता के सहयोग के साथ कार्य करेगी | निम्न कार्यो की कमी के चलते आज हमारा देश और खोखला होता चला जा रहा हैं जिसकी भनक हमें नहीं लग पा रहीं हैं |
मेरे देश के युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं आदि से यही अपील हैं सभी लोग अपना कार्यदायित्व पूरे तन -मन के साथ करते हैं , तो आपको कभी किसी सरकार / नेता/ अफसर के आगे झुकने की जरूरत नहीं होगी |
इसलिये उठो,
जागो ,समझो
"संगठित रहोगे ,सुरक्षित रहोगे "
सत्यमेव जयते
वन्दे मातरम !